एआरबी टाइम्स ब्यूरो
नाहन। डॉ. यशवंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को नाहन से बाहर स्थानांतरित करने की आशंका को लेकर शहरवासियों ने ऐतिहासिक बड़ा चौक पर सांकेतिक धरना दिया। इस अवसर पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने इसे नाहन की जनता के भाग्य पर कुठाराघात बताया। उन्होंने कहा कि यह संस्थान नाहन की तस्वीर और तकदीर बदलने वाला प्रकल्प है, जिसे शहर से बाहर ले जाना सरासर अन्याय है। डॉ. बिंदल ने कहा कि आजादी के बाद नाहन में कोई बड़ा विकासात्मक प्रकल्प नहीं आया। एक समय नाहन फाउंड्री में एक हजार लोगों को रोजगार मिला करता था, लेकिन उसके बंद होने के बाद केवल मेडिकल कॉलेज ही ऐसा प्रकल्प है, जिसने नाहन को फिर से जीवन देना शुरू किया।
उन्होंने बताया कि जब कॉलेज का भवन पूर्ण होगा, तब इसमें 500 बिस्तर, 200 से अधिक डॉक्टर, 1000 से ज्यादा स्टाफ, 500 विद्यार्थी और लगभग 10,000 लोगों का प्रतिदिन आवागमन होगा। यह आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से नाहन के लिए वरदान साबित होगा। फिलहाल 200 बिस्तरों के अस्पताल में 1500 ओपीडी, 100 डॉक्टर और 300 स्टाफ कार्यरत हैं। डॉ. बिंदल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार जानबूझकर मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य को ठप कर रही है। ढाई वर्षों से निर्माण कार्य बंद पड़ा है, जिससे अवसंरचना जंग खा रही है। उन्होंने कहा कि तीन ऑक्सीजन प्लांट, 25 वेंटिलेटर, आधुनिक सीटी स्कैन, एक्सरे, ऑपरेशन थिएटर जैसी सुविधाएं होने के बावजूद कॉलेज को शिफ्ट करने की बात करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि माता एवं शिशु अस्पताल के लिए आए 20 करोड़ रुपये का कार्य भी रोक दिया गया है। सरकार को चाहिए कि वह निर्माण कार्य दोबारा शुरू करे और नाहन के विकास को गति दे। डॉ. बिंदल ने चेतावनी दी कि यदि मेडिकल कॉलेज को शिफ्ट किया गया तो नाहन शहर की आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमरा जाएंगी। उन्होंने बाईपास और टनल निर्माण को नाहन के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण बताया और मांग की कि शहर के विकास में बाधा डालने वाली नीतियों को तुरंत रोका जाए।