
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सुक्खू की सरकार प्रदेश की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि किन्नौर की समृद्ध संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहरें भविष्य की पीढ़ियों के लिए विरासत के रूप में सहेजना अत्यंत आवश्यक है।
वन अधिकार अधिनियम-2006 के अंतर्गत जनजातीय क्षेत्रों के निर्धन व भूमिहीन लोगों को भूमि अधिकार प्रदान करने की सरकार की नीति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह अधिनियम कांग्रेस सरकार की महत्वपूर्ण देन है, जो सदैव उपेक्षित वर्गों के सशक्तिकरण के लिए कार्य करती रही है।
बागवानी मंत्री के रूप में उन्होंने कहा कि किन्नौर के किसानों और बागवानों की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए सरकार नवीनतम तकनीकों के प्रसार पर बल दे रही है। इसके लिए जागरूकता शिविरों का आयोजन कर किसानों को उपकरण और आधुनिक जानकारी मुहैया करवाई जा रही है।
शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी सुधारों का उल्लेख करते हुए मंत्री ने बताया कि क्षेत्रीय अस्पताल रिकांग पिओ में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है ताकि लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हो सकें। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से 15वें वित्त आयोग की राशि का सदुपयोग करने का आग्रह किया ताकि ग्रामीण अधोसंरचना का समुचित विकास सुनिश्चित हो सके।
इस मौके पर जनजातीय सलाहकार परिषद के सदस्य डॉ. सूर्या बोरस, जिला परिषद सदस्य भरत नेगी, पंचायत प्रधान कृष्णा नेगी, उप पुलिस अधीक्षक राज कुमार, अधिशाषी अभियंता अभिषेक शर्मा (जल शक्ति), आनंद शर्मा (लोक निर्माण) समेत कई कांग्रेस पदाधिकारी व स्थानीय लोग उपस्थित रहे।