एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एक जनजातीय छात्रा पर वामपंथी छात्र संगठन SFI के सदस्यों द्वारा कथित रूप से किए गए हमले के विरोध में आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। परिषद ने आरोप लगाया कि किन्नौर जिले के ठंगी क्षेत्र से संबंध रखने वाली एक छात्रा पर समरहिल चौक के पास पुस्तकालय से छात्रावास लौटते समय तेजधार हथियारों से हमला किया गया, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गई।
ABVP का आरोप है कि इस हमले में SFI की पाँच लड़कियाँ और नौ लड़के शामिल थे, जिन्होंने न केवल हमला किया बल्कि जनजातीय समुदाय को लेकर अभद्र टिप्पणियां भी कीं। विद्यार्थी परिषद ने इसे न केवल एक छात्रा पर हमला बल्कि पूरे जनजातीय समुदाय का अपमान बताया है।
ABVP जिला संयोजक दिविज ठाकुर ने कहा कि विश्वविद्यालय में बीते तीन महीनों से माहौल लगातार खराब हो रहा है और इसके पीछे SFI के गुंडों की भूमिका रही है। उन्होंने 17 जून 2025 को हुई एक अन्य घटना का हवाला देते हुए बताया कि उस दिन भी ABVP के 8 कार्यकर्ताओं पर SFI के 9–10 सदस्यों ने जानलेवा हमला किया।
छात्र संगठन ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन और शिमला पुलिस हिंसा की घटनाओं पर मूकदर्शक बनी हुई हैं और दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे SFI के कथित गुंडों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। ABVP ने शिमला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
ABVP ने SFI पर महिला अधिकारों को लेकर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जो संगठन सार्वजनिक मंचों पर समानता की बात करता है, वही अपने कार्यकर्ताओं के जरिए लड़कियों को डराने-धमकाने और अभद्र भाषा का प्रयोग करता है। परिषद ने स्पष्ट किया कि वह इस तरह के व्यवहार को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करेगी।
परिषद ने यह भी याद दिलाया कि यह पहली घटना नहीं है; एक वर्ष पूर्व भी जनजातीय छात्र के साथ मारपीट की गई थी, जिसमें उसकी आंख को गंभीर नुकसान पहुँचा था। ABVP ने यह भी आरोप लगाया कि राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त संगठनों के साथ SFI की विचारधारा मेल खाती है और जेएनयू व अन्य घटनाओं को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया।
ABVP ने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस हमले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सख्त सजा दी जाए, ताकि विश्वविद्यालय का शैक्षणिक माहौल सुरक्षित और शांतिपूर्ण बनाया जा सके।