एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने एलान किया कि राज्य में चिट्टा तस्करी में संलिप्त 60 सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर विधानसभा सत्र समाप्त होने के बाद बड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार इसी सत्र में एंटी ड्रग एक्ट को सदन में लाएगी और नए कानून के तहत दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अपराध में संलिप्त अधिकारियों, नेताओं और अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने पंचायत स्तर पर नशे की मैपिंग पूरी कर ली है और अब नशा छुड़ाने के लिए व्यापक अभियान चलाया जाएगा। स्कूलों, कॉलेजों सहित विभिन्न शिक्षण संस्थानों में भी यह मैपिंग की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि कौन नशे के कारोबार में शामिल है। उन्होंने स्कूल-कॉलेजों के पाठ्यक्रम में नशे के प्रति जागरूकता के पाठ शामिल करने का भी एलान किया।
बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान इस मुद्दे पर जोरदार बहस हुई। भाजपा विधायक डीएस ठाकुर ने कहा कि एक ग्राम चिट्टे के साथ पकड़े जाने वालों को जमानत नहीं मिलनी चाहिए। वहीं, कांग्रेस विधायक मलेंद्र राजन ने सुझाव दिया कि जिन क्षेत्रों में चिट्टे के मामले बढ़े हैं, वहां पुलिस स्टाफ को बदला जाना चाहिए।
चिट्टे के कारोबार में 30 फीसदी की कमी को कैसे आंका : जयराम
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार दावा कर रही है कि नशे के कारोबार में 30 प्रतिशत की कमी आई है, लेकिन सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह कैसे आंका गया है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि प्रदेश में चिट्टे की लत से 10 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, और यह आंकड़ा सिर्फ रिपोर्टेड मामलों का है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने जयराम ठाकुर पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें सनसनी फैलाने की आदत है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व सरकार ने एनडीपीएस एक्ट के तहत सख्ती से कार्रवाई नहीं की।