एआरबी टाइम्स ब्यूरो
रामपुर बुशहर। सेवानिवृत्त पूर्व आईएएस अधिकारी प्रेम सिंह ध्रैक ने कहा कि केंद्र सरकार के वन अधिकार अधिनियम, 2006 से लोगों को बड़ा लाभ मिलेगा। उन्होंने इस अधिनियम को प्रदेश में लागू करने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू, राजस्व व बागवानी मंत्री जगत नेगी, लोनिवि मंत्री विक्रमादित्य सिंह और स्थानीय विधायक नंद लाल का आभार जताया।
रामपुर में आयोजित एक कार्यशाला के दौरान उन्होंने लोगों को इस कानून के बारे में जानकारी दी और बताया कि यह अधिनियम उन लोगों के लिए नई उम्मीद लेकर आया है जिन्होंने 2005 से पहले वन भूमि पर कब्जा किया था लेकिन आज तक उन्हें मालिकाना हक नहीं मिला।
पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया कि उन्हें राजस्व मंत्री पर पूरा भरोसा है क्योंकि उनकी पहल से ही यह अधिनियम प्रदेश में लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही एक सहायता समूह का गठन किया जाएगा जो रामपुर क्षेत्र के लोगों को इस अधिनियम का लाभ दिलाने में मदद करेगा।
उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 2002 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 1.52 लाख हेक्टेयर भूमि से लोगों को हटाया गया था, जबकि ज़मीन का बड़ा हिस्सा पूंजीपतियों को दिया गया। ऐसे में गरीबों और वनवासियों के हितों की रक्षा के लिए 2006 में यह कानून बनाया गया।
प्रेम सिंह ध्रैक ने बताया कि यह अधिनियम उन लोगों को अधिकार देता है जो मकान, बस्ती या आजीविका के लिए वन भूमि पर निर्भर हैं। इसके अलावा, पुराने पट्टे, लीज या सरकारी मंजूरी पत्र को भी इसमें शामिल किया जा सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि जहां छत्तीसगढ़ में करीब 4.78 लाख और त्रिपुरा में 1.27 लाख लोगों को इसका लाभ मिला है, वहीं हिमाचल में अब तक केवल 500 के करीब लोगों को ही इसका लाभ मिल पाया है, जबकि 4000 से ज्यादा दावे आए थे।
ध्रैक ने अफसोस जताया कि अधिनियम को बने 18 वर्ष हो चुके हैं लेकिन अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों को छोड़कर कई जिलों, खासकर शिमला में अभी तक यह अधिनियम प्रभावी रूप से लागू नहीं हुआ है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे आगे आकर अपने अधिकारों के लिए दावा प्रस्तुत करें, क्योंकि जब तक उस पर फैसला नहीं होता, तब तक किसी को भी हटाया नहीं जा सकता। उन्होंने बताया कि इस अधिनियम में नगरपालिका क्षेत्र भी शामिल किया गया है। इस कार्यशाला का उद्देश्य लोगों को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करना था ताकि वे अपने हक के लिए उचित कदम उठा सकें।