एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई द्वारा आज अम्बेडकर भवन में आयोजित ओपन टॉक “कैसे फासीवाद और साम्राज्यवाद युद्ध को मुनाफे का साधन बनाते हैं” सफलता पूर्वक संपन्न हुआ।
इस विचारगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता नीरज बलोरिया ने कश्मीर से लेकर गाज़ा तक के संघर्षों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि किस तरह वैश्विक फासीवादी और साम्राज्यवादी ताकतें युद्धों को एक बाज़ार और मुनाफाखोरी का माध्यम बना रही हैं।
उन्होंने कहा कि आज सबसे ज़्यादा हथियार अमेरिका द्वारा बनाए जा रहे हैं और वह सबसे बड़ा पूंजीवादी देश बनकर इन्हें बेचकर भारी मुनाफा कमा रहा है। सभी पूंजीवादी देश युद्ध का सहारा लेकर अपने हित साध रहे हैं, जिससे दुनिया में अराजकता, महंगाई और भुखमरी जैसी स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका जैसे साम्राज्यवादी देश जानबूझकर ऐसा माहौल बनाते हैं जिससे हथियारों की मांग बढ़े और वे इससे लाभ कमा सकें। उन्होंने प्रथम और द्वितीय विश्व युद्धों के संदर्भ में बताया कि युद्धों में सबसे ज़्यादा हानि मानवता की होती है — जैसा कि हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमलों में देखा गया।