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जयरम ठाकुर, पूर्व सीएम |
एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला: पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार दिशाहीन होकर पूरी तरह अराजक और तानाशाह हो गई है। प्रदेश में कानून-व्यवस्था चौपट हो चुकी है, जबकि मुख्यमंत्री और उनकी सरकार समोसा कांड की जांच में व्यस्त है। मुख्यमंत्री को एक समोसा न मिलने से पुलिस विभाग को पूरी ताकत झोंकनी पड़ी, जिससे प्रदेश की ऊर्जा, संसाधन और समय की भारी बर्बादी हुई। अब प्रदेश की सीआईडी समोसा कांड लीक की जांच में लगी है, जिससे साफ होता है कि सरकार की प्राथमिकताएं जनहित से परे हैं।
एक महीने में नशे से पांच युवाओं की गई जान
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। पिछले 50 दिन में 16 हत्याएं हो चुकी हैं, जबकि नशे के कारण पिछले एक महीने में पांच युवाओं की मौत हो चुकी है। इसके अलावा, खनन माफिया पुलों, सड़कों और प्राकृतिक संसाधनों को तबाह कर रहे हैं। इन तमाम गंभीर मुद्दों के बावजूद, प्रदेश सरकार और उसकी खुफिया एजेंसियां समोसे की जांच और लीक की खोजबीन में लगी हुई हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि सीआईडी की ओर से दर्ज की गई एफआईआर हास्यास्पद और सरकार की साजिश का हिस्सा है।
समाेसा कांड के बहाने मीडिया-आम जनता की आवाज दबाने का प्रयास
भारतीय न्याय संहिता की धारा 353(2) का प्रयोग मीडिया की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए किया जा रहा है। यह एफआईआर पत्रकारों को डराने-धमकाने और सरकार की विफलताओं को उजागर करने से रोकने की कोशिश है। अब तक मीडिया कर्मियों और आम नागरिकों पर सरकार की नीतियों के खिलाफ बोलने पर दो दर्जन से अधिक एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। अब सरकार समोसा कांड के बहाने मीडिया और आम जनता को दबाने का प्रयास कर रही है। सरकार को चेताया कि उसे अपने तानाशाही रवैये से बाज आना चाहिए और प्रदेश की वास्तविक समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। सरकार को मीडिया पर अंकुश लगाने के बजाय प्रदेश में बढ़ते नशे, अवैध खनन और अपराधों पर कार्रवाई करनी चाहिए।