एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। भाषा एवं संस्कृति विभाग तथा कीकली चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में मीमांसा – 2025, एक अनोखा बाल साहित्य महोत्सव, साहित्य, कला और रचनात्मकता का जीवंत उत्सव बनकर प्रारंभ हुआ। इस उत्सव में 15 से अधिक स्कूलों के विद्यार्थियों ने भाग लिया, जिनमें स्वर्ण पब्लिक स्कूल, आईवीवाई इंटरनेशनल, एसपीआईपीएस, मोनाल पब्लिक स्कूल, सेक्रेड हार्ट, एलसीटीएच, एएचएस, एएचबीएस, संभोता तिब्बती स्कूल, जीएसएसएस सरोग, जीएसएसएस बालूगंज आदि प्रमुख हैं।
300 से अधिक छात्रों ने तीन दिवसीय कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पंजीकरण कराया है।
उद्घाटन समारोह
प्रेरक कलाकार प्रिया कुरियन ने मुख्य अतिथि के रूप में दीप प्रज्वलित कर महोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर भाषा एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त निदेशक मंजीत शर्मा भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
पहले दिन की मुख्य गतिविधियाँ
भाषण प्रतियोगिता (जूनियर वर्ग)
छात्रों ने अपनी वक्तृत्व कला और आत्मविश्वास का प्रदर्शन करते हुए मंच संभाला।
निर्णायक मंडल डॉ. दीप्ति पंजी, प्रिंस अभिषेक, एता ठाकुर शामिल रहे।
पुस्तक सत्र 1
लेखिका: ज्योत्सना अत्रे (कृति: द जंगल बुक ऑफ़ राइम्स/कैप्टन सुबू) का संचालन प्रिंसिपल विनीता सूद द्वारा किया गया। जबकि उन्होंने अनूठी कथा शैली से युवा पाठकों- वरही, अमोल, अथर्व और सजल को आकर्षिक किया।
कविता पाठ
कवि दिनेश शर्मा ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं और युवा पाठकों के साथ संवाद किया। बच्चों ने भी अपनी रचनात्मक कविताएँ साझा कीं, जिससे एक गहन साहित्यिक वातावरण बना।
पुस्तक सत्र 2
किशन श्रीमान ने अपनी पुस्तक देव नगरी का परिचय दिया। जिसका संचालन विचित्र अजय ने द्वारा किया गया। जबकि युवा समीक्षक मनोहर लाल, सेन्हा हरनोट, सजल शर्मा, शौर्य थे।
पुस्तक सत्र 3
प्रीती शर्मा ने असीम ने भारत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक परिदृश्य की खोज, सप्त सिंधु भारत के साथ दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। युवा पाठक मनीषा शर्मा, तरुण शर्मा, सचिन शर्मा थे।
कला पैनल चर्चा
नेतृत्व: उपासना बिष्ट
विशेष सहभागिता: प्रिया कुरियन
इस सत्र में कला की उभरती दुनिया पर गहन चर्चा हुई। पैनल के बाद विभिन्न श्रेणियों में नवोदित कलाकारों ने प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में अपनी कला प्रस्तुत की। जिसमें प्रतिभागी कक्षा 2 से 4, कक्षा 5 से 7, कक्षा 8 से 10, कक्षा 11 व 12 व कॉलेज स्तर के थे।
वर्ड प्ले वर्कशॉप
नेतृत्व: आलोक सिंह
यह रचनात्मक कार्यशाला 12 टीमों के 3-3 छात्रों के साथ संपन्न हुई। भाषा और शब्दों के खेल के माध्यम से रचनात्मकता को बढ़ावा दिया गया। सभी टीमें आगामी दिन की प्रतिस्पर्धा में भाग लेंगी।
पहले दिन की विविध गतिविधियों और ऊर्जावान सहभागिता ने आगामी दिनों के लिए एक सजीव और रोचक मंच तैयार कर दिया है। मीमांसा – 2025 निश्चित ही बाल साहित्य के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम करने जा रहा है।