
एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज यहां जल शक्ति विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में विभाग के अंतर्गत चल रही विकास परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई और लंबित कार्यों को समयबद्ध ढंग से पूरा करने के निर्देश दिए गए।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जल संसाधनों का कुशल प्रबंधन और नागरिकों को निरंतर एवं स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे फील्ड में जाकर परियोजनाओं का निरीक्षण करें तथा जनसमस्याओं का मौके पर समाधान करें। निरीक्षण की रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपने के निर्देश भी दिए गए हैं।
जल जीवन मिशन (JJM) की समीक्षा के दौरान उपमुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के लिए ₹6300 करोड़ स्वीकृत किए गए थे, जिसमें से अब तक ₹5100 करोड़ की राशि ही प्राप्त हुई है। शेष ₹1200 करोड़ की राशि अभी लंबित है, जिसे जल्द दिलाने के लिए राज्य सरकार केंद्र के समक्ष मजबूत ढंग से मामला उठाएगी।
उन्होंने यह भी बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए स्वीकृत ₹920 करोड़ में से केवल ₹137 करोड़ ही प्राप्त हुए हैं, जबकि ₹783 करोड़ अभी लंबित हैं।
बैठक में उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को 12 वर्षों से सेवाएं दे रहे जल रक्षक कर्मियों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश भी दिए, ताकि इस विषय को मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जा सके।
उन्होंने योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता व जवाबदेही बनाए रखने पर जोर देते हुए कहा कि पेयजल आपूर्ति में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस अवसर पर मुख्य अभियंता अंजू शर्मा ने विभागीय योजनाओं, बजट आवश्यकताओं और आगामी लक्ष्यों की विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में सचिव (जल शक्ति) राकिल काहलों, वरिष्ठ सलाहकार नरेंद्र मोहन सैनी, मुख्य अभियंता उपेंद्र वैद्य, अनिल मेहता, दीपक गर्ग, रोहित दुबे, हेमंत तंवर, मुकेश हीरा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
