एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। कालीबाड़ी हॉल शिमला में आईजीएमसी अस्पताल के सफाई, वार्ड अटेंडेंट, ईसीजी और लॉन्ड्री कर्मियों का सम्मेलन आयोजित किया गया। इस अवसर पर आईजीएमसी कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन की 31 सदस्यीय नई कमेटी का गठन किया गया।
सम्मेलन में वीरेंद्र लाल को अध्यक्ष, विद्या को महासचिव और सीता राम को कोषाध्यक्ष चुना गया। उपाध्यक्ष पद के लिए नोख राम, उमा, चमन, मुंशी राम व सुरेंद्र, जबकि सचिव पद के लिए निशा सकटा, सरीना, चंपा, विद्या गाजटा और बंदना का चयन हुआ।
अन्य सदस्यों में चंद्रेश, पुनमा, राजेंद्र, प्रवीण, श्रुति, संत राम, पिंकू देवी, हीरा सिंह, अनिल, संदीप, सुषमा, आंचल, मीरा मेहता, बिट्टू नेगी, लेखराज, जय कुमार, पवन और राधा शामिल हैं।
श्रम कानूनों की अवहेलना पर तीखा प्रहार
सम्मेलन को सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, रमाकांत मिश्रा, हिमी देवी, विवेक कश्यप, सहित यूनियन के कई नेताओं ने संबोधित किया। वक्ताओं ने केंद्र सरकार पर मजदूर विरोधी चार लेबर कोड के माध्यम से श्रमिकों पर गुलामी थोपने का आरोप लगाया।
नेताओं ने कहा कि लेबर कोड लागू होने से 70% उद्योग और 74% मजदूर श्रम कानूनों के दायरे से बाहर हो जाएंगे, और हड़ताल पर सजा व जुर्माना जैसे दमनकारी प्रावधान मजदूरों की आवाज़ दबाने के प्रयास हैं।
9 जुलाई को पूर्ण हड़ताल
सम्मेलन में ऐलान किया गया कि आईजीएमसी के सैंकड़ों कांट्रैक्ट वर्कर 9 जुलाई को पूर्ण हड़ताल करेंगे। उनकी मांगों में ₹26,000 न्यूनतम वेतन, नियमित रोजगार, ईपीएफ, ईएसआई, छुट्टियां, समय पर वेतन भुगतान, वर्दी और अन्य मूलभूत सुविधाएं शामिल हैं।
ठेकेदारों पर गंभीर आरोप
नेताओं ने आरोप लगाया कि आईजीएमसी प्रबंधन और ठेकेदार श्रमिकों का गंभीर शोषण कर रहे हैं। न तो श्रम कानूनों का पालन हो रहा है और न ही मजदूरों को मूलभूत सुविधाएं मिल रही हैं। ठेकेदारों पर मजदूरों के हक का गला घोंटने का आरोप लगाया गया।
