
एआरबी टाइम्स ब्यूरो
रामपुर बुशहर। निर्माणाधीन लूहरी जल विद्युत परियोजना के चलते नीरथ और आसपास के गांवों में मकानों को हो रहे नुकसान को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने पुनर्मूल्यांकन (रिएस्टमेंट) और स्थायी रोजगार की मांग की है। इसी विषय पर मंगलवार को एसडीएम कार्यालय रामपुर में एडीएम शिमला (लॉ एंड ऑर्डर) पंकज शर्मा की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
बैठक में एसडीएम रामपुर हर्ष अमेंद्र सिंह, एसडीएम कुमारसैन मुकेश शर्मा, लूहरी परियोजना के अधिकारी-कर्मचारी और प्रभावित ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। ग्रामीणों ने बताया कि परियोजना निर्माण के दौरान की गई ब्लास्टिंग से उनके घरों में दरारें पड़ गई हैं और कुछ मकानों के स्ट्रक्चर तक क्षतिग्रस्त हो गए हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा किया गया मूल्यांकन प्रभावितों को असंतोषजनक लगा, जिस पर उन्होंने नए सिरे से निष्पक्ष पुनर्मूल्यांकन की मांग की।
इसके साथ ही, ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि परियोजना निर्माण से पहले जमीन देने वाले प्रभावितों को स्थायी रोजगार देने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन उन्हें कंपनियों के माध्यम से रोजगार दिया गया। इस मुद्दे पर उन्होंने कानूनी रास्ता अपनाने की भी चेतावनी दी।
बैठक में नीरथ पंचायत के डोई और शरन गांवों को भी प्रभावित क्षेत्र में शामिल करने की मांग रखी गई। इसके अलावा नीरथ गांव में पेयजल व्यवस्था सुदृढ़ करने, सीवरेज से जोड़ने, श्मशानघाट के निर्माण और सूर्य नारायण मंदिर के जीर्णोद्धार की मांगें भी सामने आईं।
एडीएम पंकज शर्मा ने आश्वासन दिया कि सभी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही उपायुक्त शिमला की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें दोनों क्षेत्रों के विधायक, संबंधित विभागों के अधिकारी और प्रभावित ग्रामीण भाग लेंगे।
