एआरबी टाइम्स ब्यूरो
रामपुर बुशहर। बिजली बोर्ड कर्मचारियों, अभियंताओं और पेंशनरों की जॉइंट एक्शन कमेटी की ओर से 6 मई को रामपुर में जिला स्तरीय बिजली पंचायत आयोजित की जाएगी। इसमें रामपुर समेत किन्नौर जिले के बिजली बोर्ड कर्मचारी और पेंशनर्स भाग लेंगे। यह राज्य में इस तरह की पांचवीं पंचायत होगी, जिसमें बोर्ड के निजीकरण और कर्मचारी हितों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। कमेटी के संयोजक लोकेश ठाकुर और सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने बताया कि प्रदेशभर में बिजली कर्मचारियों की ओर से आयोजित की जा रही इन पंचायतों का मुख्य उद्देश्य बिजली बोर्ड में हो रही छेड़छाड़ और लंबित मांगों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करना है। अभी तक सरकार द्वारा इन मुद्दों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे आंदोलन के और तेज होने की संभावना जताई जा रही है। राज्य सरकार जहां एक ओर बिजली बोर्ड से उच्च वोल्टेज संचार लाइनों को अलग करने पर अडिग है, वहीं फील्ड तकनीकी स्टाफ की नियमित भर्ती के स्थान पर मेंटेनेंस और मरम्मत कार्य को ठेके पर देने की तैयारी की जा रही है। यह व्यवस्था आउटसोर्स प्रणाली से भी बदतर बताई जा रही है, जिससे बेरोजगार युवाओं का शोषण होगा और सेवाओं की गुणवत्ता में गिरावट आएगी।
साथ ही, पावर व संचार कॉर्पोरेशन में प्रतिनियुक्त कर्मचारियों को जबरन वहीं समायोजित किया जा रहा है, जिसे कर्मचारी सेवा अधिनियम के खिलाफ बताया गया है। संयुक्त कार्रवाई समिति पहले ही सरकार को सात बिंदुओं वाला ज्ञापन सौंप चुकी है, जिसमें प्रमुख मांगें पद समाप्ति पर रोक, पुरानी पेंशन की बहाली, सेवानिवृत्त कर्मियों को वित्तीय लाभ और आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए स्थायी नीति की मांग शामिल हैं।