Shimla : प्लास्टिक मुक्त हिमाचल की ओर कदम, छह लाख छात्रों को सरकार देगी स्टील बोतलें

एआरबी टाइम्स ब्यूरो

शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पीटरहॉफ शिमला में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में स्कूलों में पढ़ने वाले छह लाख बच्चों को पीने के पानी के लिए स्टेनलेस स्टील की बोतलें देने का एलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठा रही है। प्लास्टिक से जुड़े नियमों को कड़ाई से लागू किया जा रहा है और जन जागरूकता को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने सिंगल यूज प्लास्टिक चालान मोबाइल एप का भी शुभारंभ किया। यह एप अधिकारियों को पेपरलेस और त्वरित चालान जारी करने की सुविधा देगा। मुख्यमंत्री ने फिर दोहराया कि हिमाचल प्रदेश को 31 मार्च 2026 तक ‘ग्रीन स्टेट’ बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत नई सौर ऊर्जा परियोजनाएं, ई-वाहनों को बढ़ावा, ग्रीन कॉरिडोर और हरित ऊर्जा पर फोकस जैसे कई नवाचार किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में पर्यावरण विभाग की लघु पुस्तकों का विमोचन किया और शक्ति, एकता स्वयं सहायता समूहों व कुशाला संगठन को पत्तल और दोने बनाने के लिए मशीनें प्रदान कीं।

पर्यावरण संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया सम्मान

शिमला। विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्यमंत्री पर्यावरण संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान देने वाले आठ व्यक्तियों और संस्थाओं को पर्यावरण उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किए। प्रथम और द्वितीय पुरस्कार के तहत 50-50 हजार रुपये जबकि तृतीय पुरस्कार के रूप में 25 हजार रुपये नकद राशि प्रदान की गई।
शैक्षणिक संस्थानों में आरकेएमवी शिमला को प्रथम पुरस्कार मिला। द्वितीय पुरस्कार हिमालयन रिसर्च ग्रुप शिमला, पीएम श्री विद्यालय चौंतड़ा मंडी और ल्यूमिनस पावर टेक्नोलॉजीज अंब ऊना को प्रदान किए गए। हरित स्कूल कार्यक्रम के तहत सोलन को सर्वश्रेष्ठ ग्रीन जिला चुना गया। भूमि प्रबंधन, ऊर्जा, अपशिष्ट नियंत्रण, जल संरक्षण और नवाचार श्रेणियों में भी विभिन्न स्कूलों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर चित्रकला, नारा लेखन, फोटोग्राफी, वाद-विवाद और इको-क्लब रिपोर्ट सहित कई प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं। चित्रकला (कनिष्ठ वर्ग) में ध्रुव (ऊना), आरुही (चंबा) और नामी (हमीरपुर) ने स्थान प्राप्त किए, जबकि वरिष्ठ वर्ग में रोशनी (शिमला), महक प्रीत (सोलन) और आयुष नेगी (किन्नौर) विजेता रहे। नारा लेखन (कनिष्ठ वर्ग) में हर्षिता (सोलन), सूनाक्षी (कांगड़ा) और दिव्या ज्योति (किन्नौर), जबकि वरिष्ठ वर्ग में दीक्षा (चंबा), पलक (हमीरपुर) और पारुल (कुल्लू) ने पुरस्कार जीते।

अस्पतालों में पर्ची शुल्क पर सीएम सुक्खू की सफाई, कहा -अनिवार्य नहीं है

शिमला। हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में पर्ची के 10 रुपये शुल्क को लेकर जारी विवाद पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सफाई दी है। गुरुवार को उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने अस्पतालों में पर्ची शुल्क अनिवार्य नहीं किया है और न ही इसकी कोई सिफारिश की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कोई अस्पताल स्वच्छता और रखरखाव के लिए अतिरिक्त आय चाहता है, तो वह पर्ची पर शुल्क ले सकता है, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जारी अधिसूचना को किसी पर थोपा नहीं गया है। कैबिनेट सब-कमेटी की सिफारिश पर यह सुझाव दिया गया था कि अस्पतालों को अधिक स्वायत्तता मिलनी चाहिए। विशेष सचिव स्वास्थ्य ने एक दिन पहले पर्ची का 10 रुपये शुल्क लेने को लेकर अधिसूचना जारी की थी। अधिसूचना के बाद कई जगह 10 रुपये शुल्क लेना शुरू कर दिया है। सरकार के इस निर्णय का विपक्षी दल भाजपा समेत आम लोग भी विरोध कर रहे हैं।

 

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