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File Photo |
एआरबी टाइम्स ब्यूरो
रामपुर बुशहर। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रामपुर बुशहर के तहत पुलिस चौकी तकलेच क्षेत्र में अवैध शिकार का मामला सामने आया है। मंगलवार रात को तीन युवकों ने एक दुर्लभ जंगली जानवर घोरल का शिकार कर लिया। लेकिन वन विभाग के सतर्क रक्षकों की मुस्तैदी से मामला खुलासा हुआ और तीनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया।
यह घटना मुनीश बीट क्षेत्र में हुई, जहां वन विभाग के गुप्तचरों ने वन रक्षकों को सूचना दी कि जंगल में दो गोलियों की आवाजें सुनी गई हैं। इस सूचना पर वन रक्षक तत्काल हरकत में आ गए और अपने सहयोगियों के साथ जंगल की ओर निकल पड़े। वन रक्षक उषा ने पुलिस को सूचित किया कि उन्हें संदेह है कि एक वाहन मुनीश से तकलेच की ओर बढ़ रही है, जिसमें संभवतः शिकारी मौजूद हैं। यह भी आशंका जताई गई कि उनके पास हथियार हो सकते हैं। वन रक्षकों की सूचना पर पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए तकलेच चौकी के पास वाहन को रोका। इस वाहन में तीन युवक मंजीत सिंह, शुभम, कमलजीत सवार थे। पुलिस को शक के आधार पर जब वाहन की तलाशी ली गई तो इसके पिछले हिस्से में एक मृत घोरल पाया गया। इसके अलावा, आरोपियों के पास से दो बंदूकें भी बरामद हुईं। पुलिस ने तीनों आरोपियों को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 और शस्त्र अधिनियम, 1959 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। वन विभाग का कहना है कि हिमाचल प्रदेश के जंगलों में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए गश्त बढ़ाई जाएगी और अवैध शिकार करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
घोरल: एक संरक्षित वन्यजीव
घोरल हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाने वाला एक दुर्लभ और संरक्षित प्रजाति का जंगली जानवर है। भारत में इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची- I के तहत विशेष संरक्षण प्राप्त है। इस अधिनियम के अनुसार, गोरल के शिकार पर कठोर दंड का प्रावधान है, जिसमें सात साल तक की कैद और भारी जुर्माने की सजा हो सकती है।
मामले की पुष्टि डीएसपी रामपुर नरेश शर्मा ने की है, उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज जांच शुरू कर दी है।