एआरबी टाइम्स ब्यूरो
मंडी। जिला मंडी के समुद्र तल से 9,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित प्राकृतिक सौंदर्य और आस्था का प्रतीक पराशर झील एवं मंदिर परिसर 13 और 14 जून को इस भी सरानाहुली मेले का गवाह बनेगा।
यह जानकारी मंदिर कमेटी के प्रधान बलबीर सिंह ठाकुर और गूर पुजारी अमर चंद ठाकुर ने दी। उन्होंने बताया कि मेले की तैयारियां चल रही हैं और श्रद्धालुओं के पहुंचने के लिए अब पराशर तक चारों ओर सड़कों का जाल बिछ चुका है।
पराशर पहुंचने के रास्ते
श्रद्धालु अब विभिन्न मार्गों से पराशर झील तक पहुंच सकते हैं:
मंडी से वाया कटौला-बागी
हणोगी से बांधी पराशर
बजौरा-कांढा होते हुए उतरसाल पर्वतमाला मार्ग
पनारसा से प्रेम नगर-ज्वालापुर
माता तुंगा भगवती मार्ग से भी सीधी पहुंच
इन रास्तों पर सफर करते हुए श्रद्धालु हिमाचल की नैसर्गिक सुंदरता का भरपूर आनंद ले सकते हैं।
देवसमागम और धार्मिक आयोजन
मेला स्थल पर उतरसाल, बदार, स्नोर व रोपा चैहटीगढ़ सहित आसपास के क्षेत्रों से लगभग तीन दर्जन से अधिक देवी-देवता पहुंचेंगे। झील की परिक्रमा, पूजा-अर्चना और नाटियों (स्थानीय लोकनृत्य) का दौर मेले की विशेषता रहेगा। धार्मिक रस्में पूरे उल्लास और श्रद्धा के साथ संपन्न होंगी।
स्वच्छता और अनुशासन की अपील
मंदिर कमेटी ने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि पराशर की प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक पवित्रता बनाए रखने में सहयोग करें।
अपने द्वारा लाया गया कचरा उचित स्थान पर ही फेंकें
शराब का सेवन, अंडा-मुर्गा आदि का उपभोग व विक्रय पूरी तरह वर्जित है
चरागाहों और मेले के क्षेत्र में गंदगी न फैलाएं
प्रशासन से सख्ती की मांग
कमेटी ने प्रशासन से अपील की है कि वह पर्यावरण और धार्मिक मर्यादा से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त निगरानी रखे। झील परिसर और आसपास शराब सेवन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।