एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू मंगलवार को सीमावर्ती शिपकी-ला गांव से ‘सीमा पर्यटन’ (Border Tourism) की शुरुआत करने जा रहे हैं। यह पहल हिमाचल के लिए एक ऐतिहासिक और परिवर्तनकारी निर्णय माना जा रहा है, जिससे पर्यटक अब भारत-चीन सीमा से लगे किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों की अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव कर सकेंगे। मुख्यमंत्री अपने आगामी दो दिवसीय किन्नौर दौरे के दौरान इस परियोजना का औपचारिक शुभारंभ करेंगे। इस बीच, सोमवार को मुख्यमंत्री किन्नौर जिले के कल्पा में एक कार्यक्रम में शिरकत करेंगे और 25 लोगों को भूमि के पट्टे देंगे।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, ‘सीमा पर्यटन’ पहल के तहत पर्यटकों को शिपकी-ला, लेपचला, ग्यू मठ, खाना दुमटी, सांगला, रानी कंडा, छितकुल और लाहौल-स्पीति के चयनित क्षेत्रों तक पहुंचने की सुविधा प्रदान की जाएगी। यह पहल इन क्षेत्रों की जनजातीय संस्कृति, जीवनशैली और विरासत को देश-दुनिया के सामने लाने में मददगार होगी। मुख्यमंत्री सुक्खू के निर्देश पर राज्य सरकार ने इस मुद्दे को लंबे समय तक केंद्र सरकार के समक्ष उठाया। अब यह प्रयास पर्यटन और समावेशी विकास की दिशा में सकारात्मक परिणाम दे रहा है। यह योजना विशेषकर दूरस्थ जनजातीय इलाकों में सतत् विकास, राष्ट्रीय एकता और स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
इससे पहले भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में जाने के लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता होती थी, लेकिन अब प्रक्रिया को सरल किया गया है। पर्यटक और स्थानीय लोग वैध पहचान पत्र दिखाकर इन क्षेत्रों में प्रवेश कर सकेंगे। आईटीबीपी और सेना, सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत आवागमन को सुगम और सुरक्षित बनाएंगे। यह पहल सीमावर्ती क्षेत्रों में अवसंरचना विकास, आजिविका सृजन, और सांस्कृतिक संरक्षण में सहायक होगी। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि देश के सबसे दूरस्थ गांवों को उनकी सांस्कृतिक विशिष्टता बनाए रखते हुए मुख्यधारा से जोड़ा जाए।