एआरबी टाइम्स ब्यूरो
सोलन। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की मई 2025 की ड्रग अलर्ट रिपोर्ट में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल प्रदेश की 37 दवा कंपनियों की 50 दवाइयों के सैंपल जांच में फेल पाए गए हैं। CDSCO द्वारा जारी ड्रग अलर्ट के अनुसार, मई महीने में देशभर में कुल 186 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। इनमें से 58 सैंपल CDSCO व सेंट्रल ड्रग लेबोरेटरी की जांच में और 128 सैंपल विभिन्न राज्य स्तरीय लैब्स में फेल पाए गए हिमाचल प्रदेश के ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने बताया कि जिन कंपनियों की दवाएं फेल हुई हैं, उन्हें जल्द नोटिस जारी किया जाएगा। साथ ही संबंधित दवाओं का स्टॉक बाजार में न भेजने के निर्देश दिए गए हैं। लगातार खराब प्रदर्शन करने वाली कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हार्ट और बीपी की दवाएं भी फेल
जिन दवाइयों के सैंपल फेल हुए हैं, उनका इस्तेमाल एसिडिटी, बुखार, पेट के अल्सर, हृदय रोग, हाई बीपी, सूजन और आर्थराइटिस जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में होता है। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है क्योंकि मरीज इन दवाओं पर हजारों रुपये खर्च करते हैं, लेकिन दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतर रहीं।
हिमाचल के फार्मा हब सवालों के घेरे में
हिमाचल के कालाअंब, सोलन, बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़, पांवटा साहिब, ऊना और कांगड़ा जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में बनी दवाएं लगातार जांच में फेल हो रही हैं। ये क्षेत्र देश के प्रमुख दवा उत्पादन केंद्रों में गिने जाते हैं।
मरीजों की जान से खिलवाड़
CDSCO हर महीने ड्रग अलर्ट जारी करता है, और यह साफ दर्शाता है कि दवा कंपनियों की गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली में गंभीर खामियां हैं। राज्य सरकार और ड्रग विभाग के तमाम दावों के बावजूद हर महीने दर्जनों दवाएं फेल हो रही हैं। यह सीधे तौर पर मरीजों की सेहत और जान के साथ खिलवाड़ है।