एआरबी टाइम्स ब्यूरो
रामपुर। सीपीएम लोकल कमेटी रामपुर ने आज ग़ज़ा में चल रहे इज़रायली जनसंहार के खिलाफ एकजुटता दिखाते हुए एक जोरदार प्रदर्शन किया और भारत सरकार से अपनी विदेश नीति में बदलाव कर फ़िलिस्तीन के पक्ष में स्पष्ट रुख अपनाने की मांग की।
इस प्रदर्शन को लोकल कमेटी रामपुर के सचिव कुलदीप सिंह, अमित, रंजीत ठाकुर और प्रेम चौहान ने संबोधित किया। वक्ताओं ने 7 अक्टूबर 2023 से जारी इज़रायली आक्रमण को ‘जनसंहारी युद्ध’ करार देते हुए कहा कि इज़रायली सेना की बेरहम कार्रवाई में अब तक 56,077 से अधिक फ़िलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें 51 प्रतिशत बच्चे और 16 प्रतिशत महिलाएं हैं। साथ ही 1,31,848 लोग घायल हुए हैं।
इज़रायल ने जानबूझकर ग़ज़ा की बुनियादी संरचनाओं, अस्पतालों, 241 स्कूलों और शरणार्थी शिविरों को निशाना बनाया है। ग़ज़ा को एक अभूतपूर्व मानवीय तबाही की ओर धकेल दिया गया है। राहत सामग्री की आपूर्ति तक को रोका गया है, जो कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का घोर उल्लंघन है।
प्रदर्शनकारियों ने अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा में फ़्रीडम फ़्लोटिला ग़ज़ा के ‘मैडलीन’ जहाज़ पर इज़रायली हमले की निंदा करते हुए भारत सरकार से मांग की कि वह इस घटना पर आवाज उठाए, सभी हिरासत में लिए गए अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवकों की रिहाई सुनिश्चित करे और ग़ज़ा में मानवीय सहायता की अबाध पहुंच सुनिश्चित करवाए।
सीपीएम नेताओं ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगियों के समर्थन से इज़रायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू खुलेआम युद्ध अपराध कर रहे हैं। हालिया रफ़ाह हमला इसका ताज़ा उदाहरण है, जिसने पहले से विस्थापित लाखों फ़िलिस्तीनियों को दोबारा विस्थापित कर दिया।
उन्होंने भारत सरकार की चुप्पी और तुष्टिकरण पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह भारत की ऐतिहासिक विदेश नीति — जो उपनिवेशवाद-विरोधी एकजुटता और मुक्ति आंदोलनों के समर्थन पर आधारित थी — से शर्मनाक विचलन है।
मुख्य मांगें:
भारत सरकार फ़िलिस्तीनी जनता के पक्ष में स्पष्ट रुख अपनाए।
इज़रायल के साथ सैन्य व सुरक्षा सहयोग तत्काल समाप्त किया जाए।
ग़ज़ा में राहत सामग्री की निर्बाध आपूर्ति के लिए दबाव डाले।
प्रदर्शन में भाग लेने वालों में राहुल विद्यार्थी, पूजा, मीना राम, बंटी, केलाश, भजन, अनूप राम, देवेन्द्र, यशपाल, आशा, सुना मणी, मंजू, रजनी, अजय चौहान, यशपाल भंडारी, अश्वनी, राकेश, भुवनेश, नरेश, अजय, किशोरी लाल, सुशील, आकाश, साहिल, मनीता, अमित, प्रेम काइथ, दिनेश मेहता, राजन, सोनी, उषा, फूलवती, नीलम, आशा, नीमू देवी, मंजू, रानी सहित बड़ी संख्या में नागरिक शामिल हुए।
अपील:
सीपीएम लोकल कमेटी ने देशभर के नागरिकों से अपील की कि वे जनसंहार, कब्ज़े और रंगभेद के विरुद्ध आयोजित होने वाले इस तरह के प्रदर्शनों में अधिकाधिक संख्या में शामिल हों और न्याय, मानवता और आज़ादी के पक्ष में एक मज़बूत जनमत तैयार करें।