एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार ने संसद में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री से हिमाचल प्रदेश में चिकित्सा शैक्षणिक संस्थानों को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी मांगी। उन्होंने पूछा कि हिमाचल प्रदेश में चिकित्सा शैक्षणिक संस्थानों के उत्थान और मजबूती के लिए सरकार की ओर से क्या योजनाएं बनाई गई हैं? इन योजनाओं के लक्ष्य और उपलब्धियां क्या हैं? क्या सरकार ने आधुनिक बुनियादी ढांचे की उपलब्धता बढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का प्रस्ताव किया है? और क्या सरकार देश के स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए ऋण प्रोत्साहन कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रही है, और यदि हां, तो इसे कब तक शुरू किया जाएगा?
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बताया कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय अल्पसेवित क्षेत्रों और आकांक्षी जिलों में नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए एक केंद्रीय प्रायोजित योजना चला रहा है। इस योजना के तहत हिमाचल प्रदेश में चंबा, हमीरपुर और नाहन में तीन मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किए गए हैं, जो अब कार्यशील हैं। मंत्रालय ने राज्य सरकार/केंद्र सरकार के मौजूदा मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस और पीजी सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान की है। इसके तहत हिमाचल प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों में 120 एमबीबीएस सीटें और एक मेडिकल कॉलेज में 17 पीजी सीटें बढ़ाई गई हैं। इसके अलावा, बिलासपुर में एक एम्स की स्थापना की गई है। टांडा और शिमला के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक बनाए गए हैं।